राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2018, उपाचार्य आईटीआई और अनुदेशक पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन में दिए संशोधन के मौके देने के बावजूद प्रदेश के अभ्यर्थियों की एक बड़ी संख्या आॅनलाइन संशोधन नहीं कर पाई। इधर,राज्य सरकार द्वारा अब ईडब्ल्यूएस आरक्षण के प्रमाण पत्र को लेकर दी गई शिथिलता से अनेक अभ्यर्थी और इस दायरे में आ गए हैं।
अब ऐसे नए अभ्यर्थी भी आयोग से संशोधन के लिए पुन: मौका दिए जाने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य सरकार की घोषणा के तुरंत बाद ही आयोग ने 23 अक्टूबर 2019 से 29 अक्टूबर 2019 तक सभी अभ्यर्थियों से उनके द्वारा पूर्व में भरे गये परीक्षा आवेदनों में (केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग ईडब्ल्यूएस दिए गए आरक्षण) संशोधन के लिए लिंक ओपन किया था।
आयोग द्वारा निर्देशित किया गया कि अभ्यर्थी अपने आवेदन में ईडब्ल्यूएस वाले कॉलम में हां अथवा न कर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने पर अपना ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र आयोग में जमा कर सकेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग द्वारा दी गई समय सीमा में दीपावली का त्यौहार होने की वजह से अधिकांश अभ्यर्थी अपने आवेदनों में संशोधन करने से वंचित रह गए। अब इन अभ्यर्थियों ने आयोग से मानवीय आधार पर अपील है कि एक बार फिर अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आवेदन में संशोधन करने का मौका प्रदान किया जाए।
अब ऐसे नए अभ्यर्थी भी आयोग से संशोधन के लिए पुन: मौका दिए जाने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य सरकार की घोषणा के तुरंत बाद ही आयोग ने 23 अक्टूबर 2019 से 29 अक्टूबर 2019 तक सभी अभ्यर्थियों से उनके द्वारा पूर्व में भरे गये परीक्षा आवेदनों में (केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग ईडब्ल्यूएस दिए गए आरक्षण) संशोधन के लिए लिंक ओपन किया था।
आयोग द्वारा निर्देशित किया गया कि अभ्यर्थी अपने आवेदन में ईडब्ल्यूएस वाले कॉलम में हां अथवा न कर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने पर अपना ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र आयोग में जमा कर सकेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग द्वारा दी गई समय सीमा में दीपावली का त्यौहार होने की वजह से अधिकांश अभ्यर्थी अपने आवेदनों में संशोधन करने से वंचित रह गए। अब इन अभ्यर्थियों ने आयोग से मानवीय आधार पर अपील है कि एक बार फिर अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आवेदन में संशोधन करने का मौका प्रदान किया जाए।
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